भाजपा सांसदों से करेंगे बात-प्रदेश के विकास में निभायें साथ ।
केंद्र सरकार राज्य के हक की राशि जारी करें ।
लोकसभा चुनाव में म.प्र के नागरिकों ने मोदी पर भरोसा किया 29 लोकसभा सीटों में 28 सीटें भाजपा की झोली में गईं, फिर भी केन्द्र की मोदी सरकार, मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के हक का धन देने में आनाकानी कर रही है . . ?
भोपाल - मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री प्रदेश की प्रगति के अपने संकल्पों के प्रति पूरी प्रतिबद्धता और दृढ़ता से अथक प्रयास कर रहे है। मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार को विरासत में बेहद बदहाल अर्थव्यवस्था और सामाजिक सूचकांक मिले हैं । इन प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद कांग्रेस की सरकार समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसदों से आग्रह करेगी कि वे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध करें कि मध्यप्रदेश के जो केंद्रीय योजनाओं में प्रदेश सरकार के हिस्से की राशि तथा केंद्रीय करों में मध्यप्रदेश का हिस्सा और प्रदेश की अधोसंरचना विकास का रूका हुआ पैसा तथा किसानों का हक तुरंत प्रदान करें।
ज्ञातव्य है कि केंद्रीय भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश की लगभग 2000 योजनाओं, जिसमें 14 हजार गांवों के 5 लाख परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 1196.17 करोड़ रूपये निर्धारित किये गये थे, इस योजना में 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार का अंश 598 करोड़ रूपये केंद्र ने अब तक जारी नहीं किया है।
इसी प्रकार मध्यप्रदेश की सड़कों के निर्माण और उन्नयन के लिये सेंट्रल रोड़ फंड (सीआरएफ) 498.96 करोड़ रूपये केंद्र द्वारा प्रदेश को जारी नहीं किये गये, जिससे अधोसंरचना विकास प्रभावित हो रहा है।
वहीं, केंद्रीय करों के हिस्से में 2677 करोड़ रूपये बजट प्रावधानों के हिसाब से मध्यप्रदेश को कम दिये गये हैं।
खरीफ 2017 के भावांतर के 576 करोड़ रूपये, खरीफ 2018 के 321 करोड़ रूपये और अतिरिक्त 6 लाख मीट्रिक टन के 120 करोड़ अर्थात कुल 1017 करोड़ रूपये केंद्र द्वारा मध्यप्रदेश को अब तक नहीं दिये गये हैं।
इसी प्रकार मध्यप्रदेश में रबी सीजन 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 73.70 लाख मीट्रिक टन की है। मगर केंद्र ने सिर्फ 65 लाख मीट्रिक टन गेहूं की समर्थन मूल्य पर स्वीकृत की है। अर्थात 8.70 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के लगभग 1500 करोड़ रूपये केंद्र सरकार से अपेक्षित हैं।
यहां यह तथ्य रखना भी आवश्यक है कि वर्ष 2018-19 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं का मध्यप्रदेश के हिस्से की 6547 करोड़ रूपये की राशि केंद्र सरकार द्वारा कम दी गई है। जिससे प्रदेश का समावेशी विकास बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिसमें कृषि विकास, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सर्वशिक्षा अभियान, आदिम जाति कल्याण, प्रधानमंत्री आवास योजना, मध्यान्ह भोजन इत्यादि सामाजिक महत्व की योजनाएं शामिल हैं। जिसका उल्लेख निम्न सारणी में विस्तृत रूप से दिया गया है:-
कृषि विकास विभाग 1031 619 351 .268
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 418 251 219 .31
टेक्टर एवं कृषि उपकरणों पर अनुदान 102 61 0 .61
सब मिशन आन सीड
एण्ड हार्वोरिंग मटेरियल 116 70 28 .42
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा 395 237 104 .133
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 2835 1950 1497 .453
हाउसिंग फाॅर आॅल, अटल मिशन फाॅर रिजुवेनेशन एण्ड अर्बन
ट्रान्सफाॅरमेंशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत 8324 5013 2413 .2600
लोक निर्माण विभाग
केन्द्रीय सड़क निधि 1150 1150 818 .332
शिक्षा
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा 750 450 430 .20
सर्वशिक्षा अभियान 3110 1731 1993 262
आदिम जाति कल्याण 656 656 550 .106
आई.टी.डी.पी. / माडा पॅाकेट /
श्लस्टर में स्थानीय विकास 250 250 170 .80
महाविद्यालय छात्रवृत्ति 150 150 134 .16
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में विविध विकास कार्य 256 256 246 .10
ग्रामीण जल प्रदाय योजना 479 283 244 .40
महिला एवं बाल विकास विभाग 2837 1559 1411 .148
ग्रामीण विकास 16002 10177 7575 .2601
प्रधानमंत्री आवास योजना 6600 4441 3677 .764
निर्मल भारत अभियान 2234 1340 410 .931
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 285 171 162 .9
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 633 380 140 .240
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 2500 1595 1554 .41
मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम 1100 660 562 .98
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 2500 1500 1071 .429
कुल योग = 33314 21407 14859 .6547
भाजपा के सभी सांसदों से आग्रह है कि वे मध्यप्रदेश के हक में प्रधानमंत्री के नारे सबका साथ-सबका विकास तथा संघीय ढांचे के प्रति आस्था रखने वाले टीम इंडिया के नारे को चरित्रार्थ करने के लिए आगे आयें। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश के विकास के इस सामूहिक स्वर को नकार नहीं पायेंगे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने वचन की प्रतिबद्धता को निभाते हुए बिजली का बिल हाॅफ, किसानों और आदिवासियों का कर्जा माफ, पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण का इंसाफ, निवेश से प्रदेश की तरक्की, उद्योगों में प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं की नौकरी पक्की, मिलावटखोरी से मुक्ति, ड्रग माफियाओं पर आपरेशन 'प्रहार' की युक्ति, कर रहे हैं पीने के पानी एवं स्वास्थ्य के कानूनी अधिकार की बात, प्रदेश को मिलेंगी ऐसी कई और सौगात। इन सौगातों को बरकरार रखने के लिए मध्यप्रदेश के हक की राशि केंद्र सरकार से अपेक्षित है।