एक डॉक्टर के सहारे पूरा सिविल अस्पताल चंदेरी . . .


चंदेरी ।  अनीस उल्ला खान


पूर्व की सरकार एवं वर्तमान सरकार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदेरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  से सिविल अस्पताल चंदेरी में परिवर्तन तो किया गया किंतु अस्पताल में स्टाफ की कमी को आज तक पूरा नहीं किया गया जिले में जिला चिकित्सालय के बाद संपूर्ण अशोकनगर जिले में सबसे अधिक ओपीडी संख्या चंदेरी के सिविल अस्पताल की है जहां प्रतिदिन लगभग 400 से अधिक मरीजों के ओपीडी पर्चे बनाए जाते हैं, किंतु यदि इस अस्पताल में स्टाफ की बात करें तो डाक्टरों एवं अन्य तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ नर्सों की संख्या में भारी कमी है जिसका खामियाजा चंदेरी शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है जहां वर्तमान में 3 डॉक्टर पदस्थ है यदि किसी कारण से एक डॉक्टर को छुट्टी लेकर अपने निजी कार्य के लिए बाहर जाना पड़ता है तो पूरे समय एक ही डॉक्टर के सहारे सिविल अस्पताल चंदेरी की व्यवस्था रहती है। ऐसी परिस्थिति में यदि कोई संवेदनशील मामला या मरीज आकस्मिक उपचार हेतु सिविल अस्पताल चंदेरी लाया जाएगा तो एक डॉक्टर के सहारे चल रही सिविल अस्पताल मैं उस आकस्मिक उपचार की आवश्यकता वाले मरीज को सीधे-सीधे या तो यमराज से सामना करना पड़ेगा या फिर उपचार हेतु जिला चिकित्सालय की राह देखना पड़ेगी।।
गुरुवार को अस्पताल में उपस्थित मरीजों के  अनुसार अस्पताल में चिकित्सकीय व्यवस्था संचालित थी जबकि डॉक्टर आरपी शर्मा अपने निवास पर होने के बाद भी उन्होंने आज अस्पताल आने की जहमत तक नहीं की और अपनी ड्यूटी टाइम सुबह 9:00 बजे से 1:30 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंचे जिससे समस्त ओपीडी का भार डॉक्टर पंकज गुप्ता को झेलना पड़ा


सिविल अस्पताल चंदेरी में स्वीकृत पदों की जानकारी
 सिविल अस्पताल चंदेरी में लगभग 11 पद चिकित्सकों विशेषज्ञों के स्वीकृत हैं । परंतु विगत कई वर्षों से यह सारे पद रिक्त पड़े हुए हैं ।  जबकि प्रतिदिन लगभग 400 से अधिक  ओपीडी मरीज उपचार के लिए आते हैं।
इसी दरमियान प्रसूति के लिए महिलाओं का आना,आकस्मिक दुर्घटनाओं के लिए व्यक्तियों का आना भी लगा रहता है ।डॉक्टरों की कम संख्या होने से और कार्य अधिक होने से अस्पताल की स्थितियां बदतर होती जा रही हैं।
 सिविल अस्पताल चंदेरी में स्वीकृत पदों की जानकारी
1 -  चिकित्सा विशेषज्ञ एक पद
2-   मेडिकल सर्जन एक पद
3- स्त्री रोग विशेषज्ञ एक पद
4 - शिशु रोग विशेषज्ञ एक पद
5- निश्चेतना विशेषज्ञ एक पद
6- चिकित्सा अधिकारी 3 पद एवं संविदा चिकित्सक के 3 पद सहित पूर्व में कुल 27 पद स्वीकृत थे किंतु वर्तमान में अन्य तकनीकी विशेषज्ञों के अलावा ड्राइवर, हेल्पर ,कंप्यूटर ऑपरेटर सहित कुल प्रावधानिक पद 48 स्वीकृत किए गए हैं जबकि वर्तमान में कुछ चिकित्सक ही चंदेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हैं  । 


【 सुरेन्द्र मिश्रा 】 -  क्षेत्र के विकास का समय आया तब विकास के मसीहा ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस क्षेत्र की जनता ने पराजय का मार्ग दिखा दिया । मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है लेकिन सिंधिया के अलावा सरकार में कोई सुनने वाला नहीं है । विधानसभा सत्र के दौरान किसी भी जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र के विकास में कोई मांग नहीं रखी । 


 


 


हाल ही में राज्य शासन द्वारा चंदेरी को 50 बिस्तरी अस्पतालमें उन्नयनकिये जाने का आदेश राज्य शासन द्वारा पारित कर दिया गया है
परंतु वर्तमान में 30 बिस्तर अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं एवं चिकित्सकों की कमी को देखते हुए 50 बस्तर की अस्पताल में मध्य प्रदेश शासन चिकित्सकों की पूर्ति किस प्रकार करेगी विचारणीय है।


 


 इनका कहना है।
डॉ त्रिवेदिया 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला अशोकनगर।
चिकित्सकों के अभाव में इस प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही । चंदेरी में ही नहीं अपितु पूरे जिले में या कहें के पूरे मध्यप्रदेश में डॉक्टरों का अभाव है जिस कारण इस प्रकार का अतिरिक्त भार डॉक्टरों को झेलना पड़ रहा है मैंने डॉक्टरों की समस्या को लेकर कई बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है। साथ ही जिन डॉक्टरों की ड्यूटी रहती है यदि वे कार्य के प्रति  लापरवाही बरतते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।
2- डॉ एम एल खरका 
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर चंदेरी।।


चंदेरी में डॉक्टरों के अभाव के कारण हम तीन डॉक्टरों के द्वारा क्रमशः रात्रि में ड्यूटी दी जाती है और दिन में भी सभी लोग अस्पताल में उपस्थित रहते हैं किंतु आज मुझे छुट्टी लेकर अपनी बच्ची के एडमिशन कराने के लिए बाहर जाना पड़ा तथा अस्पताल में दो अन्य डॉक्टर डॉ पंकज गुप्ता और डॉक्टर आरपी शर्मा की ड्यूटी थी किंतु केवल डॉक्टर पंकज गुप्ता ही ड्यूटी पर पहुंचे हैं डॉक्टर आरपी शर्मा ड्यूटी पर नहीं पहुंचे।
इस लापरवाही के लिए मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है।।