राम मंदिर निर्माण की बातें सिर्फ सत्ता पाने तक सीमितः निश्चलानंद सरस्वती

कश्मीर को विशेष दर्जा देना सबसे बड़ी भूल थी भोपाल (एजेंसी)। राजनीतिक दलों द्वारा सत्ता पाने और फिर सत्ता में बने रहने के लिए ही अयोध्या में राम एक सवाल के जवाब में कहा कि अपने ही देश में सच कहा जाए तो हिंदू मंदिर निर्माण की बातें की जाती हैं। बहुसंख्यक नहीं रहा है। हिंदू समाज को बौद्ध, जैन व सिख आदि धर्मों में बांट दिया स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या गया है। यह साजिश अभी भी जारी है।कश्मीर में धारा 370 के मामले में उन्होंने गए पर राम लला के दर्शन तक करने कहा कि स्वतंत्र भारत में एक राज्य कश्मीर को विशेष दर्जा देना सबसे बड़ी भूल नहीं गएमंदिर निर्माण के लिए उनका थी। अब इस धारा को हटाने की बातें करने वाले कितना साहस कर पाते हैं, आगे मनोभाव क्या है?, देखना होगा। फिलहाल जो वातावरण बनाया जा रहा है, उसके पीछे भी चुनाव की क्या नीति है?, स्पष्ट नहीं है। यह राजनीति ही है। उन्होंने कहा कि गो रक्षकों को तो कई नेताओं ने गुंडा तक कह आरोप लगाते हुए पुरी पीठाधीश्वर दिया, तो अब गायों की कितनी रक्षा हो सकेगी विचारणीय विषय है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद शंकराचार्य महाराज ने कहा कि निर्माण के लिए काम किया, वैसी सरस्वती ने कहा कि केंद्र में अब तक राजनीतिक दलों द्वारा सिर्फ राम मंदिर इच्छाशक्ति अब किसी दल के नेता में की कोई भी सरकार हो, मंदिर निर्माण निर्माण की बातें की जा रही है, पर नहीं दिखाई देतीके लिए कोई भी अनुकूल वातावरण अब कृष्ण जन्मभूमि और काशी शंकराचार्य ने तंज किया कि हम बना पाने में सफल नहीं रही है। वे एक विश्वनाथ मंदिर मामलों पर सब चुप भी हिंदू समाज का अंग हैं पर किसी दिवसीय प्रवास पर गुरुवार को हैं।सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जिस शंकराचार्य से इस संबंध ने सरकार भोपाल आए थे। मीडिया से चर्चा में तरह गुजरात में सोमनाथ मंदिर कोई बात नहीं कर रही है। को राजबाड़ा इस दौरान मेंदोला जीत जिराती पिटाई आईसीयू जिस निगमकर्मी बल्ले से अस्पताल बातें सिर्फ निश्चलानंद शुरू हुआ प्रदर्शन के देखी गई, बैठे नेताओं की बातें निश्चलानंद विशेष दर्जा